Friday, September 23, 2011

TO BE WITH YOU

























Its cloudy outside
with wind ruffling the leaves slowly
my heart is throbbing  inside wildly
and feelings storming the brain rapidly

How I want to be with you
to see your smiling face
to view your vivid expressions
to smell your body perfume
to taste those raindrops residing on your face
to tease you, to flirt you
to dance with you in exciting swirls
to enjoy with you............

How I want to be with you
to embrace you
to circle my finger in your hair
to wink at you with a smile
to exchange some naughty thoughts
to Hug you, to kiss you
to make you feel desired
to love you.......

Thursday, February 24, 2011

शख्स



















एक शख्स जो खुदा से भी नायाब लगे 
जिसका अक्स ज़ेहन में दायाम रहे 

उसके चेहरे में शम्स का गुमान लगे 
जिसकी मौजूदगी में फ़रिश्ते का इकराम लगे 

उसकी खुशबु साँसों में तरन्नुम भरे 
जिसकी गुफ्तगू होठों पे तबस्सुम सी सजे 

उसकी आँखों मैं रोशन कायनात लगे
जिसकी बाहों मैं जन्नत की जमाल लगे 


उसके लम्स से ज़ीस्त को नए आगाज़ मिले
 जिसके ज़र्फ़ से हस्ती को नए अंदाज़ मिले 

उसके कदमो मैं सर झुका दूँ तो सुकून मिले 

जिसकी खिदमत में ज़िन्दगी गुज़रे तो विसाल  मिले 

Meanings  
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 नायाब -    Precious                        जन्नत   - Heaven  
ज़ेहन    -    Mind                                जमाल - beauty /elegance 
दायाम   - always                                लम्स- sense of  touch 
शम्स    - sun                                      ज़ीस्त -life 
गुमान  -  doubt                                 ज़र्फ़ - power 
फ़रिश्ते  - angel                               हस्ती -personalty 
इकराम   - glorification                सुकून - peaceful 
तरन्नुम  - music                                खिदमत - service 
तबस्सुम  - flower                            विसाल- union 



Friday, February 18, 2011

मंज़िल






















क्यों सासें रुक जाती नहीं 
क्यों ज़िन्दगी थम जाती नहीं 
शायद अभी कुछ जीना बाकी है ..............

क्यों मैं रुक जाती नहीं 
क्यों मैं झुक जाती नहीं 
क्यों मैं थक जाती नहीं 
शायद अभी कुछ करना बाकी है ..............

क्यों मैं डर  जाती नहीं 
क्यों मैं मान जाती नहीं 
क्यों मैं हार जाती नहीं 
शायद अभी कुछ   जीतना बाकी है ..............

क्यों हम मिल पाते नहीं 
क्यों कुछ कह पाते नहीं 
क्यों कुछ कर पाते नहीं 
शायद अभी कुछ इम्तेहान बाकी है ..............

क्यों सपने ख़त्म होते नहीं
 क्यों बेकरारी थमती नहीं 
क्यों जज़्बे काम होते नहीं 
शायद अभी कुछ अरमान बाकी हैं ..............

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अभी मंज़िल पर पहुंचना बाकी है 
अभी तुमसे मिलना बाकी है 
अभी कुछ सुनना  बाकी है 
अभी कुछ कहना बाकी है 
अभी सीने से लगना बाकी है 
अभी तेरा बहकना बाकी है 
अभी मेरा लरजना बाकी है 
अभी अपना हद से गुज़रना बाकी है ..............