कदम कदम पे रुक जाते हो
ठोकर से क्यों घबराते हो
फिर सर को उठा ,
फिर संभल ज़रा ,
फिर आगे बढ़ ...
फिर सर को उठा ,
फिर संभल ज़रा ,
फिर आगे बढ़ ...
तुम कमजोरी को ताक़त में बदलो
एक नया सवेरा होगा .......................
एक नया सवेरा होगा .......................
सोते - जगते कँप जाते हो
सपनो से क्यों डर जाते हो
फिर नज़र उठा ,
फिर देख ज़रा ,
फिर कोशिश कर .......
फिर देख ज़रा ,
फिर कोशिश कर .......
तुम सपनो को हक़ीक़त में बदलो
एक नया सवेरा होगा .......................
एक नया सवेरा होगा .......................
हँसते हँसते रो जाते हो
नाकामी से क्यों दुखियाते हो
नाकामी से क्यों दुखियाते हो
फिर आस जगा ,
फिर मन को सधा
फिर मन को सधा
फिर मंथन कर ......
तुम हार को अपनी जीत में बदलो
एक नया सवेरा होगा .......................
एक नया सवेरा होगा .......................