जिस दिन रब ने तुझे बनाया
तुझे बना फिर मुझे बनाया
तुझको फिर संपूर्ण किया
मुझे भी उसने पूर्ण किया
कहा कि तुम दो कृतियाँ हो
एक दूजे के दर्पण हो
पास रहो या दूर रहो
रस्ता अपना अपना हो
औरो के तुम दीपक हो
दो दिल कि एक धडकन हो
अपना निज पल काम करो
खुश रहो खुशहाल करो
राह मै जब कुछ विघ्न पडे
एक दूजे को संबल दो
ज्योत किसी की कम ना हो
राह किसी की थम ना हो
ज्यो नदिया दो धार चलो
" संगम " पर मुझ आन मिलो