dedicted to all those new born babies left for dying ....
नाज़ुक सी देह लिए
घूरे पे पड़ी
दूध की मिठास
से बेखबर
खून के कतरे चखती
जिस कोख से जन्मी
उसकी ही ठोकर खाती
आँचल की छाँव
से महरूम
कांटो मैं कसमसाती
जनम लेने के गुनाह
और सजा को झेलती
ज़िन्दगी के अनकहे किस्से
से अनजान
दर्द से कराहती
मौला से पूछती
पैदा होने का सबब ?
नाज़ुक सी देह लिए
घूरे पे पड़ी
दूध की मिठास
से बेखबर
खून के कतरे चखती
जिस कोख से जन्मी
उसकी ही ठोकर खाती
आँचल की छाँव
से महरूम
कांटो मैं कसमसाती
जनम लेने के गुनाह
और सजा को झेलती
ज़िन्दगी के अनकहे किस्से
से अनजान
दर्द से कराहती
मौला से पूछती
पैदा होने का सबब ?
1 comment:
Manjri ji
Really nice...bahut hi sadharan shabdo main aapne ek badi samajik samasya ko kavita ke rrop main dhala hai...
Keep it up...
have a nice day
Post a Comment