क्या हुआ जो इन राहों की दूरियां है
क्या हुआ जो हालातों की मजबूरियां हैं
क्या हुआ जो ये अकेली रातें हैं
क्या हुआ जो ना हो सकी मुलाकातें हैं
क्या हुआ जो हालातों की मजबूरियां हैं
क्या हुआ जो ये अकेली रातें हैं
क्या हुआ जो ना हो सकी मुलाकातें हैं
क्या हुआ जो ये ज़माने के सितम हैं
क्या हुआ जो ये आँखें नम हैं
क्या हुआ जो ये आँखें नम हैं
क्या हुआ जो अधूरी बातें हैं
क्या हुआ जो यादों की बारातें हैं
क्या हुआ जो यादों की बारातें हैं
क्या हुआ जो ये होंठ निशब्द हैं
क्या हुआ जो ये सपनो पे पैबंद हैं
क्या हुआ जो ये कदम मायूस हैं
क्या हुआ जो ये बाहें पशेमान हैं
क्या हुआ जो ये सपनो पे पैबंद हैं
क्या हुआ जो ये कदम मायूस हैं
क्या हुआ जो ये बाहें पशेमान हैं
क्या हुआ जो ना खुद पे इख्तियार है
क्या हुआ जो ना ख़त्म होता इंतज़ार है
क्या हुआ जो ना ख़त्म होता इंतज़ार है
फिर भी मुझे ये नाज़ है
हर सूरत -ए -ऐतबार है
कि क़यामत क्यों ना बरपा हो
मैं उसकी हूँ वो मेरा है........
हर सूरत -ए -ऐतबार है
कि क़यामत क्यों ना बरपा हो
मैं उसकी हूँ वो मेरा है........