एक तुम्हे पाने के लिए
जाने कितने जतन किये
जाने कितने जतन किये
सबको रुसवा कर बैठे
बस तुमसे लगन लगा बैठे
जग बैरी बन बिफ़र गया
और सबकी तोहमत ले लिए
दुनिया को बदलने की खातिर
किस्मत को मनाने चल निकले
बिन जाने, ये सोचे-समझे
किस्मत मेरी गुलाम नहीं
मैं किस्मत की बांदी हूँ
मेरी इस नादानी के लिए
खफा मुझसे, बस तुम ही नहीं
खुद , मैं भी तो पशेमान हुई
1 comment:
mere man jaisi baat
very nice
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