"बहुत खूबियां होंगी मगर
मैं अपने ऐबों पर नज़र रखता हूँ
होंगे कई पसंद करने वाले मगर
ठुकरा देने वालों का शुक्रिया अदा करता हूँ " .
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लाख खूबसूरत हुआ करे चाँद
एक धब्बा उसमे भी है
सर झुका चलने के लिए
मुकम्मल कुछ नहीं होता
कोई कमी बेशी होने दो यारो
बेहतर बनाने की गुंजाईश तो है .
कहीं ज़मीन है तो छत टूटी है
शुक्र मनाओ आसमान साफ़ है
तभी तो सितारों का नज़ारा है
कहीं मीलों लम्बे रास्ते हैं
मंज़िल का नामो निशाँ नहीं है
शुक्र मनाओ पाँव आज़ाद तो हैं
कौन कहता है सबको
सब कुछ मिल जाता है
कोई न कोई कमी से
हर दामन खाली नज़र आता है
हो सके तो जला दो एक चिराग
मन का अँधेरा बहुत सालता है .
ना जाने कौन अपना है कौन पराया
ये रिश्तों की गांठों मैं उलझने से बेहतर
चलने दो सबको साथ साथ
जीवन है तो काफिले हैं
वरना मौत के साथ तो एक दिन
अकेले ही चले जाना है
----- Manjri .../ 13th July 2020
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