जिसके मन में बसी रहती हूँ
वो ज़ज़्बात हूँ मैं
जिसके होठों पे बरबस लरजती हूँ
वो तबस्सुम हूँ मैं
जिसकी आँखों से बूंदों सी बरसती हूँ
वो नमी हूँ मैं
जिसकी पलकों में छुपी रहती हूँ
वो खवाब हूँ मैं
जिसके सीने से लगी रहती हूँ
वो याद हूँ मैं
मेरी हस्ती अब मेरी कहाँ
किसी का ख्याल हूँ मैं
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