कुछ रिश्ते घने पेड़ों से होते हैं
लग जाए तो मीठे फल देते हैं
और फल न भी दे सके
तो बरसों ठंडी छांव देते हैं
कुछ रिश्ते फटे कपड़ों से होते हैं
सिल लो तो जब तब उधड़ने लगते हैं
और जुड़े रहे फिर भी
पैबंद की तरह चमकते हैं
कुछ रिश्ते सच्चे मोती से होते हैं
मिल जाए तो माला बन सजते हैं
और बिखर भी जाएँ
तो तारों से दमकते हैं
कुछ रिश्ते ठन्डे पानी से होते हैं
जैम जाएँ तो बर्फ से चुभते हैं
और साथ बह भी गए
तो किनारे अलग ही रहते हैं