श्याम तोहे बंसी बजावे न दूँगी
तू बंसी बजाके मुझको बुलावे
बंसी की धुन मोरी सुध बिसरावे
ऐसे अब तुझको सतावे न दूँगी
अब तोहे बंसी बजावे न दूँगी। ...
अब तोहे बंसी बजावे न दूँगी। ...
कल शाम पनिया भरण जब आयी
गगरी डुबोई, चुनरी भूल आयी
घर पहुंचवे की जगह बगिया हो आयी
तूने अजब ऐसी बंसी बजायी
अब तोहे बंसी बजावे न दूँगी। ...
सब सखिया ग्वाल- बाल देते हैं ताना
मोहे ऐसे तू छल न करके बुलाना
राधा तो तेरी है तेरी रहेगी
तेरी छबि मेरे मन में बसी है
पर, श्याम तोहे बंसी बजावे न दूँगी। ...
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