Wednesday, March 10, 2010

मेरे पास चले आना



जब बागों में गुल खिल जाएँ 
जब पत्ते पीले पड़ जाएँ   
जब सारी ऋतुएँ  बदल जाएँ 
 तब मेरे पास चले आना.. .... ....  

जब सूरज धूप दिखा जाए 
जब धुंध की बदली छंट जाए 
जब सुरमयी शाम ढल  जाए 
तब मेरे पास चले आना .. .... ....  

जब रात की चादर पड़  जाए 
जब घना अँधेरा छा जाए 
जब आस कोई कुम्हला जाए 
तब मेरे पास चले आना .. .... ....  

जब दिल शीशे सा चटक जाए 

जब दर्द से दामन भर जाए 
जब आंख से आंसू छलक  जाएँ 
तब मेरे पास चले आना .. .... ....  

जब यौवन का रस ढल जाए 
जब जीवन संध्या आ जाए 
जब संगी सभी बिछड़  जाएँ 
तब मेरे पास चले आना .. .... ....   

जब मेले से मन भर जाए 
जब सारे सपने तर जाए 
जब सबसे फुर्सत मिल जाए 
तब मेरे पास चले आना .. .... ....  

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