मायूस होने की वजह
तुझको
बहुत मिल जायेंगी
एक
फूल खिला , कहीं और सही
खुशबु
तुझे भी आएगी
गिरे
हुए को और गिरा
क्या
तुझको भला मिल जाएगा
तू
झुक के जरा , फिर उसको उठा
तू
और ऊपर उठ जाएगा
संहार
करने से नहीं
बल
- प्रदर्शित हो जाएगा
दो
हाथ उठा, कुछ सृजन कर
संतुष्ट
तभी हो पायेगा
हार
- जीत की अंध दौड़ मैं
भाग
- भाग थक जाएगा
हाथ
पकड़ , सब साथ चला
संसार
तभी चल पायेगा
क्रोध
- लालच, बैर भाव से
क्या
हासिल कर पायेगा
सप्रेम
सहित , सदभाव बढ़ा
चित्त
तेरा तर जाएगा
कर्कश
स्वर मैं पर निंदा से
मन
कलुषित हो जाएगा
मीठा
बोल , मुस्कान फैला
हृदय
तृप्त हो जाएगा
औरों
को दुःख देने से क्या
तू
सुखी रह पायेगा
अंतर्मन
मैं ज्योत जगा
"
आराध्य " तेरा हो जाएगा
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