Tuesday, November 28, 2017

आधे किस्से




आधे वक्त के आधे किस्से 
कब पूरे होंगे ये हिस्से


कुछ बातों के सर उग जाते 
कुछ के पैर निकल जो आते


तो अपने आप ही चलते रहते 
दिलों के बीच गुफ्तुगू के सिलसिले


Thursday, November 2, 2017

"जन्मदिवस"


( Dedicated to my dearest friend )

प्यारी बीना
तुम्हारा जन्मदिवस मानो बसन्तोत्सव
फूलों की महक से सराबोर हर आँगन 
वह अपूर्व दिन कि ऐसा लगे जैसे
होली और दिवाली दोनों गलबहियाँ डाल
चहकती इठलाती आ धमकी हो
कहीं स्वप्निल रंगो की बहार है
तो कहीं उमंगो की आतिशबाजी
जगमगा रहा है हर मंडप का परिसर
और तुम्हारे स्वागत और आगमन को
उल्लासित और पुलकित मन से
व्याकुल हम सब
नतमस्तक हो वंदन करते ईश को
तुम्हारा गौरव पूर्ण यश
सदैव कीर्तिमान रहे
और स्नेहमयी मूर्त तुम
निश्चल भाव से हर्ष पूर्वक
यूँही आयुष्मान रहो !!