Sunday, February 24, 2013

रिश्ते





कुछ रिश्ते घने पेड़ों से होते हैं 
लग जाए तो मीठे फल देते हैं 
और फल न भी दे सके 
तो बरसों ठंडी छांव देते हैं 

कुछ रिश्ते फटे कपड़ों से होते हैं 
सिल लो तो जब तब उधड़ने लगते हैं 
और जुड़े रहे फिर भी 
पैबंद की तरह चमकते हैं 

कुछ रिश्ते सच्चे मोती से होते हैं 
मिल जाए तो माला बन सजते हैं 
और बिखर भी जाएँ 
तो तारों से दमकते हैं 

कुछ रिश्ते ठन्डे पानी से होते हैं 
जैम जाएँ तो बर्फ से चुभते हैं 
और साथ बह भी गए 
तो किनारे अलग ही रहते हैं 

Saturday, February 9, 2013

तुम्हारे लिए



कुछ फूल 
जो तुम्हे नज़र न कर सके 
आज भी गुलदान मैं 
सजाये हुए रखते हैं 

कुछ बातें 
जो तुम्हे कह न सके 
आज भी होठों में 
दबाये हुए रखते हैं 

कुछ तोहफे 
जो तुम्हे भेंट न कर सके 
आज भी अलमारी में 
छुपाये हुए रखते हैं 

कुछ आंसू 
जो तुम्हे देख न सके 
आज भी आँखों में 
छलक छलक  बहते हैं 

कुछ ख्वाब 
जो पूरे न हो सके 
आज भी रातों में 
जगाये हुए रखते हैं 

कुछ दुआएं 
जो तुम्हे दे न सके 
आज भी हाथों में 
उठाए हुए फिरते हैं 

खत

सोचा , कि तुम्हे एक खत लिखूं 
कुछ लिखना शुरू किया 
तो लगा की क्या लिखूं 

मेरे अपने ?
नहीं ये नहीं लिख सकती 
तुम्हारे साथ कोई और है 
तुम मेरे हो ही कहाँ 

तुम आ जाओ?
नहीं, ये भी नहीं लिख सकती 
तुम्हारी मंज़िल कुछ और है 
तुम्हारा रस्ता ये कहाँ 

तुम्हारी याद में ?
नहीं,ये भी कैसे लिखूं 
तुम विचलित हो जाओगे 
तुम्हे उदास देख पाउंगी क्या 

असीम प्यार ?
ओह ! हाथ क्यों रुक गए 
कुछ लाज, कुछ जग की रुसवाई 
दूजे प्रेम को शब्दों की जरूरत क्या 

कोरा  कागज़ ही लिफ़ाफ़े मैं 
डाल  कर भेज दिया 
यही सोच कर  
कि , तुम तो मेरे कोरे पन्ने 
को भी देख कर जान जाओगे 
उसमे छुपे शब्दों का अर्थ... .......