Sunday, December 1, 2019

उसने कहा था


उसने कहा था 
"प्रेम अगर सच्चा होता है तो विचलित नहीं होता "
ना जाने कौन सी घुट्टी पिला गया वो फ़कीर
कि मन प्रेम की कसौटी को चुनौती देने 
दिमाग के गुलंबर पर चढ़ जा बैठा 
अड़ियल घोडा आज भी 
गुलंबर के मुहाने से मुंह निकाले 
झांकता रहता है टिकटिकी लगाए
उसकी बात पर अमल करता 
आते जाते राहगीरों के 
पैरों से उड़ती धूल फांकता 
गुरु दक्षिणा देने के इंतज़ार मैं 
.
उसने कहा था 
"पास आ कर मेरा दुःख दर्द बांटने वाले
मुझसे कतरा के गुज़रना तो अभी बाकी है"

ना जाने कौन सा टोटका लगा गया वो फ़कीर 
कि कदम जड़ हो गए उसी जगह 
अहिल्या के तरपन को राम आते हैं
ना जाने कितने वर्षों तक मूर्त अवस्था मैं 
एक जगह स्थापित,पथराई आँखों से 
उस शापित अहिल्या को राह देखनी होगी
जब राम खुद आएंगे भ्रमण करते 
और फिर जीवित होगी 
वो अहिल्या राम के स्पर्श से
.
- Manjri- 30th November 2019

1 comment:

shailu said...

"पास आ कर मेरा दुःख दर्द बांटने वाले
मुझसे कतरा के गुज़रना तो अभी बाकी है"
क्या कहूँ