Sunday, May 19, 2013

कोई


पूछते  हैं   आज मुझसे 
अब  ज़िन्दगी मैं   कोई तो नहीं ?
हँस   कर कहती हूँ तभी मैं 
ना , कोई और नहीं है अब 
नासमझ हैं लोग कितने 
जो इतना फरक भी न समझें 
कोई जब  बने खुद ज़िन्दगी 
तो उस " ज़िन्दगी"  के सिवा 
कोई और  कहाँ   है  अब 

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