Sunday, May 27, 2007

जलता है खुदा मेरे यार से


उंडेलता  रहा पानी
भिगोने के लिए ,
मैं सूखा खड़ा ;
मेरे यार के इश्क़ के छींटो  ने
पूरा भिगो दिया ........
जलता है खुदा मेरे यार से

खिलाता 
 रहा गुल गुलिस्तां के लिए ,
मैं मुरझाया रहा ;
मेरे यार के होठों की खिलती कलियों ने
मौसम बदल दिया ........

जलता है खुदा मेरे यार से 

चलाता रहा लू तपाने के लिए ,
मैं ठंडा पड़ा ;
मेरे यार की साँसों की गर्मी ने
जिस्म पिघला दिया .........

जलता है खुदा मेरे यार से 

1 comment:

shaveta said...

t ha very nice keep it up dear