Sunday, May 27, 2007

साईकिल सी मैं और पहिये सी ज़िन्दगी


साईकिल सी मैं और पहिये सी ज़िन्दगी
मौसम -ए -सरगोशियों से बेजार
ठोकरों में गिरती - संभलती
रास्ते के पत्थरों को
दरकिनार कर रुख मोड़ती
आगे निकलती
साईकिल सी मैं और पहिये सी ज़िन्दगी .......

ख़ल्क़ -ए -कसीदे की खलिश से
फुसफुसाती हुयी आहें
जिगर में ठंडी  सांस भर
जख्मो पर पैबंद लगा, मुस्कुराती
तफरीह करती
साईकिल सी मैं और पहिये सी ज़िन्दगी ........

रिश्ता -ए -फ़िराक़ से बदरंग
टूटे तानो - बानो को  समेटती -जोड़ती
मन की खरोचों पर
उम्मीदों का रंग चढ़ा
जद्दोजहद करती
साईकिल सी मैं और पहिये सी ज़िन्दगी ........




Meanings
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मौसम -ए -सरगोशियों- changes of seasons
बेजार - unaffected
दरकिनार- to remove aside
ख़ल्क़ -ए -कसीदे - sarcasm of people
खलिश - irritation
जख्मो- wound
पैबंद- patch
तफरीह- enjoying / strolling
रिश्ता -ए -फ़िराक़ - distance in relation
बदरंग  - discoloured
जद्दोजहद- struggling


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